गुरु हुए मार्गी
9 जून रात्रि गुरु बृहस्पति वक्रता छोड़ कर मार्गी हो गये | किस किस को क्या क्या हानी की, क्या जख्म दिए, किस किस को मोक्ष दे दिया – गुरु बृहस्पति जाने | साथ में शुक्र व् बुध वक्र थे | शनि अभी भी वक्री चल रहे हैं 25 अग्स्त्त तक | इन चारों ग्रहों की वक्रता नै क्या बड़ी हानियाँ कर दी, यह बयाँ करना भी मुश्किल हो रहा है |
पाठको, ग्रह न तो मित्र होते हैं और न ही शत्रु चाहे उच्च हों चाहे नीच, मार्गी हों या वक्री | सभी ग्रह मात्र सर्व शक्तिमान परम पिता परमात्मा के सेवक हैं व् उसके तथा प्रकृति के आदेश पालन करते रहते हैं |
लगभग सभी राशियाँ इनकी वक्रता से प्रभावित हुई हैं व् उन्हें किसी न किसी प्रकार की हानि हुई है | मेष, वृष, मिथुन, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर व् मीन को विशेष कष्ट रहे |
ज्योतिष के विद्वान् व् विद्यार्थी 12 मई 1958 सुबह 4 बजे सहारनपुर में जन्मे जातक का मृत्युकाल 26 अप्रैल 2017 दुपहर 12 बजे की जांच कर के देखें तो ज्ञान वृद्धि होगी |
अभी , मंगल अस्त मिथुन में हैं व् सामने धनु से शनि देव वक्र दृष्टि से देख रहे हैं | 20 जून से शनि वापिस वृश्चिक में जायेंगे, षडषटक योग बन कर हानि ही करेगा |
25 अगस्त शनि मार्गी होकर व् बुध 11 अगस्त से 5 सितम्बर तक वक्री चलने के बाद शांति व् उन्नति होगी | तब तक, सावधान रहें, सावधानी से चले |